Monday, May 19 ,2025

CRP Test In Hindi: जानिए CRP Test के बारे में विस्तार से !


हमारे लाइफस्टाइल के चलते छोटी या बड़ी बीमारी होना एक आम बात हो गई है। अगर आप अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो यह बहुत गलत बात है कि बार छोटी-छोटी चीजों को अनदेखा करने से वह बड़ी समस्या का कारण बन जाती है। इसलिए अपने शरीर में हो रहे बदलावों  पर ध्यान दें, जिससे समय रहते ही आप अपनी समय का समाधान कर लें।   

CRP Test क्या होता है ? (What is CRP Test in Hindi?)

सीआरपी शरीर में मौजूद एक तरह का प्रोटीन है जो लिवर द्वारा उत्पाद होता है। यह हमारे शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन आने पर उसके जवाब में बढ़ने लग जाता है।  हमारे शरीर में सूजन, चोट, संक्रमण और ऑटोइम्यून बीमारियों से जुड़ी कोई भी परिस्थिति होने पर CRP का स्तर बढ़ने लग जाता है। जिससे आपकी सेहत बिगड़ने लग सकती है और यह एक संकेत के रूप में आपकी मदद करता है। इसे एक मार्कर के रूप में भी काम करते हुए देख सकते हैं। शरीर में चल रही लंबे समय से किसी भी तरह की सूजन या नई बीमारी का पता लगाने में मददगार रहती है। शरीर में सूजन के दौरान CRP का स्तर हमारे रक्तप्रवाह में तेजी से बढ़ने लग जाता है, इसलिए खून में CRP के लेवल को नापने से बढ़ी हुई सूजन और उसकी स्थिति जानने और उसका इलाज की निगरानी में मदद मिल सकती है। 

CRP टेस्ट करवाने के लक्षण (Symptoms of getting a CRP test done in Hindi)

जब आपको किसी भी तरह का संक्रमण हुआ हो और उससे आपकी तकलीफ़ बढ़ती जा रही हो, तो नीचे बताए हुए लक्षण आपको शरीर में दिखाई दें रहे हो तो तुरंत CRP टेस्ट करवाएं:

बुखार- अगर आपको तेज़ बुखार है तो यह आपके शरीर में बड़े हुए CRP लेवल का एक संकेत हो सकता है। 

ठंड लगना- यदि आपको बुखार के साथ ठंड भी लग रही है तो इसका इशारा बढ़े हुआ CRP लेवल हो सकता है।  

उलटी व मतली- बढ़े हुए CRP स्तर के कारण व्यक्ति को बार-बार उलटी और मतली जैसा महसूस हो सकता है। 

टैचीपनिया (Tachypnea)- तेजी से सांस लेने वाली स्थिति के लिए इस शब्द का उपयोग किया जाता है। साथ ही यह बढ़े हुए CRP लेवल का लक्षण भी माना गया है।

टैचीकार्डिया (Tachycardia)- दिल की तेज़ गति को परिभाषित करने के लिए किया इस शब्द का उपयोग किया जाता है। यह खून में बढ़े हुए CRP लेवल की ओर इशारा करता है।

CRP टेस्ट का उद्देश्य क्या होता है? (What is the purpose of CRP test in Hindi?)

 

हमारे शरीर में हो रही किसी भी तरह की सूजन को पहचाने में मदद करता है जिससे समस्या बढ़ने से पहले ही सही समय पर इलाज हो सकें। इस टेस्ट की मदद से बैक्टीरिया से जुड़े संक्रमण, दिल से जुड़ी समस्याओं का जोखिम, ऑटोइम्यून रोग जैसे ल्यूपस, रूमेटाइड आर्थराइटिस आदि का पता चल सकता है। इस टेस्ट की मदद से यह भी सुनिश्चित किया जा सकता है कि आपका इलाज सही दिशा में चल रहा है या नहीं।

CRP टेस्ट की तैयारी आप कैसे करें ? (How do you prepare for CRP test in Hindi?)

डॉक्टर की बताई हुई सब बातों का ध्यान रखें साथ ही अगर उन्होंने आपको टेस्ट से पहले उपवास रखने की सलाह दी है तो इस बात का विशेष ध्यान रखें। टेस्ट से पहले व्यक्ति को कम से कम भी 8 से 10 घंटे खाली पेट रहने की सलाह दी जाती है उसके के बाद ही CRP टेस्ट किया जाता है। टेस्ट करवाने से पहले अपने डॉक्टर से अपनी सभी दवाइयों की जानकारी साझा करें। कुछ दवाइयाँ ऐसी होती है जो CRP टेस्ट को प्रभावित कर सकती है, इसलिए आपके डॉक्टर की निगरानी में उन दवाइयों को होना जरऑरोई है। जिससे वह आपको बता देंगे कि कौन -सी दवाई का सेवन करना सही है और कौन-सी का नहीं। 

CRP का कितना लेवल खतरनाक होता है? (What level of CRP is dangerous in Hindi?)

 

खून में CRP का लेवल बढ़ी हुई सूजन की समस्या या किसी अन्य बीमारी की ओर संकेत करता है। आइए जानते हैं  कि CRP लेवल कितना होना जरूरी है और यदि यह बढ़ता है तो कौन-कौन सी समस्या का सामना करना पड़  सकता है। 

  1. नॉर्मल रेंज: खून में CRP लेवल <3mg/L  है तो यह एक सामान्य और सुरक्षित रेंज है। 

  1. मध्यम एलिवेशन: खून में CRP लेवल 1  - 3 mg/L के बीच है तो यह एक मध्यम रेंज है। कुछ कारणों के कारण CRP स्तर में वृद्धि हुई है जो कि ऑटोइम्यून विकार, डायबिटीज, डिप्रेशन, मोटापा, अस्वस्थ लाइफस्टाइल, धूम्रपान आदि जैसी कोई वजह हो सकती है। यह दिल का रोग होने के खतरे को बढ़ा देता है। 

  1. मॉडरेट एलिवेशन: खून में CRP लेवल 3 - 10 mg/L के बीच होने का अर्थ है, यह स्थिति गंभीर हो चुकी है। यह कैंसर, ऑटोइम्यून  विकार, हार्ट अटैक, ब्रोंकइटिस जैसी समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों केअंदर यह CRP लेवल देखा गया है। 

  1. मार्केड  एलिवेशन: खून में CRP लेवल 10 - 100 mg/L के बीच है तो आपकी यह स्थिति काफी ज्यादा गंभीर हो चुकी है। यह उस व्यक्ति में देखा जा सकती है जिसको एक्यूट बैक्टीरियल इन्फेक्शन, वायरल इन्फेक्शन या ट्रामा जैसी कोई समस्या हो। 

  2. सीवीयर एलिवेशन: खून में CRP लेवल >100 mg/L होना इस बात का साफ-साफ संकेत है कि आपकी सेहत बहुत ही ज्यादा खराब है उर और आपकी स्थिति बहुत ही ज्यादा गंभीर हो चुकी है। जिससे आपकी सेहत के साथ-साथ शरीर में अन्य हिस्से भी प्रभावित हो रहे होंगे। जिस व्यक्ति को एक्यूट बैक्टीरियल इन्फेक्शन है उसमें यह CRP लेवल आराम से देखने को मिल जाएगा।

CRP लेवल को कम करने के तरीकों के बारे में जाने (Know about ways to reduce CRP level in Hindi)

  • अगर आपका वजन बहुत अधिक है तो उसे कंट्रोल करें, साथ उसे कम करने पर काम शुरू करें। इससे आपके शरीर में बढ़े हुआ सीआरपी स्तर कम किया जा सकता है। 

  • अपने जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें, जिससे आपको मानिसक तनाव जैसे समस्या का समान न करना पड़े। अन्यथा यह आपके सीआरपी स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। 

  • अपनी रोज़ाना की दिनचर्या में नियमित व्यायाम को शामिल करें। इसकी मदद से सीआरपी स्तर को मैन्टैन करने में सहयोग मिलेगा। 

  • अपनी डाइइट में अंकुरित अनाज, सेब, केला, अनाज, फलियां, स्ट्रॉबेरी, नाशपाती और साबुत अनाज जैसे खाद्य पदार्थ को जरूर शामिल करें। इनकी मदद से सीआरपी स्तर को कंट्रोल करने में मदद  मिलेगी।

  • अगर आपको डॉक्टर कुछ पूरक और दवाएं देते हैं तो उनके सेवन से भी आपके सीआरपी के स्तर को कम किया जा सकता है। 

  • ध्यान, योग और गहरी साँस लेने के व्यायाम जैसी तकनीकें इस्तेमाल करके भी आप अपने बढ़े हुए सीआरपी स्तर को कंट्रोल करने में सफलता पा सकते हैं। 

  • धूम्रपान और शराब जैसे नशीले पदार्थ का सेवन छोड़े दें या फिर इनसे परहेज़ शुरू करे दें। ऐसा करने से ही आप अपने बड़े हुए सीआरपी स्तर को कंट्रोल कर पाएंगे। 

  • एक अच्छी और स्वस्थ नींद की आदत को बनाए क्योंकि अपर्याप्त नींद शरीर में सूजन और सीआरपी के स्तर को बढ़ा सकती है।

  • ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिससे शरीर में हो रही सूजन को कम किया जा सकता है, साथ ही सीआरपी स्तर कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। 

नोट: 

आप इन सभी बातों को ध्यान में रखकार अपनी सेहत के साथ बढ़े हुए CRP लेवल को कंट्रोल कर सकते हो। जिसकी मदद से आप एक स्वस्थ, रोगमुक्त और खुशाल जीवन जी सकते हो।